Bihar Education Minister Chandrashekar controversy: अब पैगंबर मुहम्मद विवाद में फंसे
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Bihar Education Minister Chandrashekar controversy: पैगंबर मुहम्मद विवाद में फंसे
पहले राम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बोल कर विवाद में फंसे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अब फिर से चर्चा में आ गए हैं. चंद्रशेखर ने अब मुस्लिम पैगंबर मुहम्मद को लेकर ऐसा कह दिया है, जिस पर भाजपा पार्टी ने ऐतराज खड़ा कर दिया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कृष्ण जन्माष्टमी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद मर्यादा पुरुषोत्तम थे. लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम शब्द प्रभु श्रीराम के लिए उपयोग किया जाता है. तथा संस्कृत भाषा के इस शब्द का हिंदी अनुवाद ‘पूर्ण पुरुष’ होता है.
और किसी अन्य व्यक्ति के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम शब्द उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन चंद्रशेखर के इसका उपयोग मुस्लिम पैगंबर के लिए करने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.
जानें आखिर क्या कहा मंत्री चंद्रशेखर ने
प्रोफेसर चंद्रशेखर बिहार की मधेपुरा सीट से लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर विधायक बने हुए हैं. उन्होंने कहा, दुनिया में शैतानवाद बढ़ने, विश्वास खत्म होने, हर तरफ बेईमान और शैतान लोग होने की स्थिति थी, तब भगवान ने मध्य एशिया के इलाके में विश्वास पैदा करने के लिए महान पुरुषत्व, मर्यादा पुरूषोत्तम, पैगंबर मुहम्मद जैसे प्रतिभाशाली पुरुष का निर्माण किया. मंत्री चंद्रशेखर ने भी कहा, इस्लाम विश्वासियों के लिए आया, इस्लाम बेईमानी के खिलाफ आया, और इस्लाम बुराई के खिलाफ आया. भाजपा ने आरोप लगाया उन्माद फैलाकर वोट पाने की राजनीति का आरोप चंद्रशेखर के पैगंबर मुहम्मद को मर्यादा पुरुषोत्तम बताने के बाद भाजपा ने इस पर पलटवार किया है.
फिर भाजपा ने सीधे RJD को ही घेर लिया और उस पर धर्म व जाति के नाम पर उन्माद फैलाकर वोट पाने की राजनीति करने का आरोप लगाया है. भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने, शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर को मानसिक बीमारी कहा. कि कभी वो रामायण पर टिप्पणी करते हैं तो कभी पैगंबर मोहम्मद के बारे में बोलते हैं. ये लोग धर्म और जाति के नाम पर लड़कर वोट की राजनीति करते हैं और इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, जाने हैं कौन
मंत्री चंद्रशेखर RJD के टिकट पर लगातार तीसरी बार बिहार की मधेपुरा सीट से विधायक बने हैं. साल 2020 में उन्होंने RJD के पुराने बाहुबली नेता और फिलहाल जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव को हराया था, जिनको गुरु मानकर चंद्रशेखर राजनीति में आए थे. मधेपुरा के भलेवा गांव के रहने वाले चंद्रशेखर के पिता एक शिक्षक थे. उनके भाई रामचंद्र यादव दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर पद से रिटायर हो चुके हैं. चंद्रशेखर खुद भी औरंगाबाद के राम लखन सिंह यादव कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग में शिक्षक हैं. हालांकि वे खुद को प्रोफेसर कहते और लिखते हैं.
पहले राम चरित मानस पर दिया था बयान
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने पटना में एक दीक्षांत समारोह के दौरान राम चरित मानस की कुछ चौपाइयों का जिक्र किया था. और इन चौपाइयों के आधार पर ही छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ बताया. और बाद में भी उन्होंने कहा था कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का ‘बंच ऑफ़ थॉट्स’, ये सभी समाज और देश को नफरत बांटते रहे हैं. हालांकि फिर उनके इस बयान पर काफी होहल्ला हुआ था. यहां तक कि बिहार सरकार में RJD की साथी पार्टी JDU ने भी इस बयान की निंदा की थी और ऐसे बयान गलत बताया था.”
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