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Who is IAS naveen Tanwar: कौन हैं IAS नवीन तंवर, Paper Solver बन गया IAS, अब कोर्ट ने सुनाई 3 साल की सजा
Kaun Hai IAS naveen Tanwar: गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने 9 साल पुराने मामले में आईएएस नवीन तंवर समेत कुल 6 लोगों को सजा सुनाई है. और इसके साथ ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है.
IAS Naveen Tanwar: आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था, लेकिन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान वह सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले गिरोह के जाल में फंस गए। किसी और की जगह परीक्षा देने से उसकी नौकरी पक्की हो गई थी, लेकिन जब मामला खुला तो वह सीबीआई के जाल में फंस गया.
यह कहानी आईएएस नवीन तंवर की है, जिन्हें अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की विशेष सीबीआई अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है। नवीन फिलहाल हिमाचल प्रदेश कैडर में तैनात हैं। वह पिछले 10 महीनों से चंबा जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीएम) के रूप में कार्यरत हैं। इस मामले में नवीन के साथ 5 अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है. और उन पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
नवीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ
सजा सुनाए जाने के वक्त नवीन तंवर सीबीआई कोर्ट में मौजूद नहीं थे. सीबीआई जज शिवम वर्मा ने इस मामले में अन्य पांच आरोपियों को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने की जमानत दे दी है, लेकिन तंवर की अनुपस्थिति के कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. नवीन को 21 मार्च को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है.
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बात 2014 में हुई बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा की है.
पेपर फर्जीवाड़े का यह मामला साल 2014 की इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) भर्ती परीक्षा का है। 13 नवंबर 2014 को आयोजित इस परीक्षा का सेंटर गाजियाबाद के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी था। इस सेंटर पर सीबीआई ने दो फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक नोएडा का रहने वाला नवीन तंवर और दूसरा सावन कुमार था.
नवीन को अमित सिंह और सावन को अजय पाल सिंह के स्थान पर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर को भी गिरफ्तार किया गया था, जो बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे और नवीन और सावन को अमित और अजय पाल के लिए सॉल्वर के रूप में तैयार किया था. उसके बाद इन सबको जमानत पर रिहा कर दिया गया।
सुनवाई चलती रही और नवीन बन गये आईएएस अधिकारी
सीबीआई ने इस मामले में 12 मार्च 2015 को आरोप पत्र दायर किया था। 2 सितंबर 2016 को अदालत ने अभियोजन पक्ष के 22 गवाहों और 28 दस्तावेजी सबूतों का संज्ञान लिया और सीबीआई आरोप पत्र के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। तभी से सुनवाई चल रही थी. इस दौरान नवीन यूपीएससी की तैयारी में लगे हुए थे.
साल 2019 में नवीन ने यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बन गए। प्रशिक्षण के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया। कांगड़ा और चंबा में एसडीएम रह चुके नवीन को 10 महीने पहले ही चंबा जिले की भरमौर तहसील में एडीएम/संयुक्त परियोजना निदेशक डीआरडीए के पद पर तैनात किया गया था। फिलहाल वह इसी पद पर तैनात हैं.
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