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Kartik Purnima on Ganga snan importance: आज हैं कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान क्यों करते है, जानें क्या है विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिका पर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अवसर पर गंगा स्नान के बाद दान का खास महत्व है।
हिंदू धर्म में कार्तिक मास को विशेष महत्व दिया गया है। इस महीने में पवित्र नदी गंगा में स्नान (Ganga Snaan) करने से व्यक्ति के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में भी दान का खास महत्व बताया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने मात्र से मनुष्य के सभी दुख तथा परेशानियां दूर होती हैं और मनुष्य को श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन दीपदान भी किया जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और घर में धन-संपदा बढ़ती है। आइए ज्योतिषी प्रीतिका मौजुमदार से जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का क्या महत्व है।
कार्तिक पूर्णिका ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान (Ganga Snaan) के बाद दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो जितना अधिक दान करता है, उसे भगवान विष्णु की उतनी ही अधिक कृपा प्राप्त होती है। घर में सुख-समृद्धि आती है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप, कष्ट दूर हो जाते हैं।
जानें गंगा स्नान का धार्मिक महत्व (Kartik Purnima par Ganga snan)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो जितना अधिक दान करता है, उसे भगवान विष्णु की उतनी ही अधिक कृपा प्राप्त होती है। घर में सुख-समृद्धि आती है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान (Ganga Snaan) करने से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन देवता गंगा स्नान (Ganga Snaan) करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। ऐसे में इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। वहीं, अगर आप गंगा स्नान करने नहीं जा सकते तो नहाने समय पानी में गंगा जल मिलाकर अवश्य स्नान करें। इससे गंगा स्नान के समान फल मिलेगा।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा स्नान के बाद दीप दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन प्रदोष काल में दीप दान करने से भगवान विष्णु सहित देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर विशेष कृपा प्रदान करती हैं। गंगा स्नान के बाद किसी शुभ अवसर पर किसी नदी या तालाब पर दीप दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर में सुख-शांति बनी रहती है.
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