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kab hai Geeta Jayanti?: कब हैं भगवद गीता जयंती, जान लें इसका महत्व और पूजा का समय
हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता की जयंती दिसंबर माह में होगी। गीता की जयंती एकादशी तिथि को ही पड़ती है, तो आइए यहां जानते हैं गीता जयंती के बारे में सबकुछ।
Bhagavat Geeta Jayanti: हिंदू धर्म को समझने के लिए व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार गीता अवश्य पढ़नी चाहिए। गीता में मानव जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं को बहुत ही सरल भाषा में समझाया गया है। कहा जाता है कि गीता सारे वैदिक ग्रंथों का प्रतीक है और जयंती मनाने वाला इकलौता ग्रंथ है। महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के जीवन का सार को गीता का सार बताया था। गीता का महत्व सदियों से कायम है।
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श्री कृष्ण द्वारा दिए गए गीता के उपदेश आज के समय में भी लोगों को उनके जीवन में गहरे अवसाद से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी गीता को अपने जीवन में अपनाते हैं। जब अर्जुन ने युद्ध में अपने सगे संबंधियों को देखा तो वह भावुक हो गये और अपना कर्तव्य त्यागने लगे। तब श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया।
भागवत गीता जयंती शुभ मुहूर्त (Geeta Jayanti date 2023)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला भगवत गीता का जन्मोत्सव इस वर्ष 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा। और यह तिथि 22 दिसंबर 2023 सुबह 8:15 बजे से 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:10 बजे तक रहेगी.
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भगवद गीता जयंती उत्सव (Bhagavat Geeta Janmotsav)
देशभर में भगवद गीता जयंती को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मार्ग शीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। उसी दिन को भगवत गीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। कई स्थानों पर मंदिरों में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया जाता है। देशभर के मंदिरों में भगवान कृष्ण और गीता की पूजा की जाती है। भागवत गीता के जन्मदिन के अवसर पर भाषण पढ़े और सुने जाते हैं।
नरेन्द्र मोदी ने मथुरा में कहा, ‘राम मंदिर की तारीख आ गई, अब वो दिन दूर नहीं जब भगवान श्रीकृष्ण…’
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भगवत गीता के जन्मदिन पर पूजा का महत्व (Bhagavat Geeta Jayanti puja 2023)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भागवत गीता के जन्मदिन पर गीता और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा और दान करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है और ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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