‘ISRO वैज्ञानिक एन. वलारमथी’ का दिल का दौरा पड़ने से निधन
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‘ISRO वैज्ञानिक एन. वलारमथी’ का हुआ निधन:
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक और एजेंसी के रॉकेट काउंटडाउन लॉन्च के पीछे की वह प्रतिष्ठित आवाज जो आप हर लॉन्च मिशन के समय सुनते थे वो थम गई है। इसरो वैज्ञानिक एन वलारमथी का 64 वर्ष की आयु में निधन हो गया, उन्होंने अंतिम सांसें चेन्नई में ली|
श्रीहरिकोटा में रॉकेट लॉन्च में अपनी आवाज़ देने वाली ISRO वैज्ञानिक एन. वलारमथी (ISRO Scientist N Valarmathi) की दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो गई|
इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर श्रद्धाअंजली दी:-
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों की अग्रणी भूमिका निभाने वाली वैज्ञानिक एन वालरमथि नाम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) के एक महत्वपूर्ण सदस्य थी। उनका योगदान और कार्यक्षेत्र किसी भी भारतीय को गर्वित करने के लिए हैं, और उनका नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध था
वालरमथि का जीवन परिचय:
नंदुरी वालरमथि, जिन्हें आमतौर पर एन वालरमथि के नाम से जाना जाता है, 27 जनवरी, 1962 को तमिलनाडु के मधुराइ जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मधुराइ के स्थानीय स्कूल से प्राप्त की, और फिर उन्होंने बीएससी की डिग्री कमाई भी। उन्होंने तमिल नाडु के पेरियार विश्वविद्यालय से गणित में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। इसके बाद, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।
इसरो में काम:
वालरमथि का सफर इसरो में 1986 में शुरू हुआ, जब वह सूचना और संचार प्रौद्योगिकी केंद्र (आईएसर्पीसी) में इंजीनियर के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने इसरो में अपनी कौशल और प्रतिबद्धता के साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
एसएलवी (आईएसर्पीसी) प्रोजेक्ट:
सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण काम जिसने वालरमथि का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध किया, वह भारतीय उपग्रह सुचना व्यापारी (सब्सी) परियोजना था। उन्होंने इस परियोजना के प्रमुख अभियंता के रूप में कार्य किया और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। इस परियोजना के माध्यम से, वह भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपग्रह और उपग्रह सूचना क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम दिलाने में सफल रहीं।
वालरमथि का योगदान:
वालरमथि के योगदान को सिर्फ उनके प्रमुख पदों पर काम करने के रूप में ही समझना गलत होगा। उन्होंने भारतीय स्पेस प्रोग्राम को विशेष रूप से महिलाओं के लिए अधिक सुलभ और प्राप्तिकर बनाने में भी योगदान किया है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बने और महिला वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सारांश में, वैज्ञानिक एन वालरमथि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणास्त्रोत हैं, जिन्होंने अपने कठिन काम और प्रतिबद्धता के साथ भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान बनाई है। उनका योगदान महिलाओं को साक्षरता में बढ़ोतरी करने और विज्ञान में अधिक समानता प्राप्त करने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
1 thought on “काउंटडाउन के समय जो आवाज सुनाई देती थीं वो ‘ISRO वैज्ञानिक एन. वलारमथी’ की आवाज अब थम गई?”