Education Ministry guideline for coaching institutes, New guidelines for coaching institutes, Coaching, Ministry of Education, kota suicide, coaching center
Table of Contents
Education Ministry guideline for coaching institutes: 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जाएंगे कोचिंग, शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला
Ministry of Education: शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
आईआईटी और मेडिकल की तैयारी का हब कहे जाने वाले कोटा समेत कई शहरों में बच्चों की आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बच्चों के मानसिक तनाव और अवसाद में जाने की घटनाएं बहुत आम हो गई हैं। ऐसे में अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाया है. शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग में दाखिला नहीं दिया जाएगा. अगर इस नियम का उल्लंघन किया गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश को उन कोचिंग संस्थानों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जहां कक्षा 9वीं और 10वीं से इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग बैच चलाए जाते हैं.
राम मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे 20 IPS अफसर, जानें कैसा होगा सुरक्षा घेरा
शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग के पंजीकरण, उसके प्रबंधन, छात्रों के प्रवेश, शिक्षकों की योग्यता, कोचिंग भवन में आवश्यक चीजों और फीस के संबंध में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा और कुछ मामलों में कोचिंग रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.
नियम क्या हैं?
माना जा रहा है कि कोटा जैसे शहरों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ये नियम बनाए गए हैं. नए नियमों के मुताबिक कोचिंग संस्थान अब भ्रामक प्रमोशन और अच्छे अंक या रैंक की गारंटी जैसे वादे नहीं कर सकेंगे. साथ ही कोई भी कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकेगा. कोचिंग में आग लगने की घटनाएं, एडमिशन के समय किए गए वादों में धोखाधड़ी, सुविधाओं की कमी और आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बाद ये गाइडलाइंस बेहद अहम हो गई हैं.
क्यों खास है जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर, क्यों खुश हैं तीर्थयात्री, जानें क्या है ये प्रोजेक्ट?
इसमें कहा गया है, ‘कोई भी कोचिंग किसी अंडरग्रेजुएट शिक्षक की नियुक्ति नहीं करेगी. रैंक या अच्छे अंकों की गारंटी का कोई वादा नहीं किया जाएगा। कोचिंग में केवल उन्हीं बच्चों को प्रवेश दिया जा सकता है जिन्होंने माध्यमिक विद्यालय की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। कोचिंग की गुणवत्ता या इसमें दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दावे करने वाले भ्रामक विज्ञापनों की अनुमति नहीं दी जाएगी।
साथ ही, कोई भी कोचिंग संस्थान किसी ऐसे शिक्षक या व्यक्ति को नौकरी पर नहीं रखेगा जो किसी अनैतिक कदाचार या अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। इन नियमों का पालन करने पर ही कोचिंग रजिस्ट्रेशन संभव हो सकेगा. इसके अलावा बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए मानसिक परामर्शदाताओं को भी नियुक्त करना होगा और ऐसा माहौल बनाना होगा ताकि बच्चों को मानसिक दबाव का सामना न करना पड़े।
- सर्दियों में हेल्दी और गर्म रहेगा आपका शरीर, इन वेज सूप को जरुर करें ट्राई
- क्या है ब्रेन फॉग? जो छीन सकता है सोचने-समझने की क्षमता, जानें लक्षण और बचाव
- नॉनवेज नहीं खाते तो ऐसे करें मसल्स गेन, डाइट में शामिल करें ये वेज फूड्स
- Wedding Season में इन टिप्स से तुरंत चमकेगा आपका चेहरा, मुहांसे और दाग-धब्बे होंगे गायब
- हल्दी वाला दूध पीने के फायदे, जानें इम्यूनिटी बूस्ट से लेकर त्वचा और हृदय के लिए कितना हैं फायदेमंद