PM Modi G20 summit closing Shloka: PM Modi ने G20 शिखर सम्मलेन का समापन किस श्लोक से किया, जानें मतलब

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PM Modi G20 summit closing Shloka: (पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन का समापन श्लोक)

हाल ही में भारत ने G20 शिखर सम्मेलन 2023 की मेजबानी की। और इस दो दिवसीय सम्मेलन में दुनिया के 20 सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संस्कृत श्लोक का उल्लेख किया, जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है जिसका अर्थ है “संपूर्ण विश्व में शांति एवं सौहार्द हो।”

PM Modi G20 summit closing Shloka
PM Modi ने G20 शिखर सम्मलेन का समापन किस श्लोक से किया, जानें मतलब

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इस श्लोक का मूल पाठ है: (PM Modi G20 summit closing Shloka)

“स्वस्ति अस्तु विश्व”

इस श्लोक में दो शब्द हैं, “स्वस्ति” और “विश्व”। “स्वस्ति” का अर्थ है “शांति, सौभाग्य और कल्याण”। “विश्व” का अर्थ है “संपूर्ण विश्व”।

इस प्रकार, इस श्लोक का अर्थ है कि सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी देशों के लिए शांति, सौभाग्य और कल्याण की कामना। प्रधानमंत्री मोदी ने इस श्लोक का उल्लेख करके दुनिया के सभी देशों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के अपने संकल्प को व्यक्त किया।

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इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने इस श्लोक का उल्लेख करके भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित किया। संस्कृत भारत की प्राचीन भाषा है, और यह भाषा आज भी भारत में प्रचलित है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस श्लोक का उल्लेख करके दिखाया कि भारत एक प्राचीन और समृद्ध संस्कृति वाला देश है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम को दुनिया भर में सराहना मिली। कई लोगों ने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि भारत एक शांतिपूर्ण और सहकारी विश्व का निर्माण करना चाहता है।

PM Modi G20 summit closing Shloka: PM मोदी वे शब्द:

महानुभावो,

इन शब्दों के साथ, मैं आधिकारिक तौर पर इस जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन करता हूं।

एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की राह सुखद हो।

स्वस्ति अस्तु विश्वस्य!

जिसका अर्थ है कि पूरे विश्व में आशा और शांति बनी रहे।

140 करोड़ भारतीयों की शुभकामनाओं के साथ, मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ!”

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