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kalonji ke fayde or nuksan: कलौंजी के उपयोग, फायदे और नुकसान
स्वस्थ रहने के लिए संतुलित व पौष्टिक खान-पान भी बहुत जरूरी है। स्वस्थ आहार में क्या शामिल करें, तो इस काम में हम आपकी मदद करते हैं। आप सिर्फ छोटी-सी कलौंजी (nigella seeds) को अपने आहार में शामिल कर कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं। इस काले रंग के मसाले का सेवन करने से कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आज हम वैज्ञानिक आधार पर कलौंजी के फायदे और कलौंजी के नुकसान की जानकारी देंगे। इसके साथ ही इसे आहार में शामिल करने में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो, इसलिए कलौंजी का उपयोग करने के कुछ तरीके भी जानें:-
कलौंजी के फायदे (kalonji ke fayde kya hai)
कलौंजी का सेवन करने से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। वहीं, बीमारी की अवस्था में कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो इसे में केवल कलौंजी जैसा घरेलू उपचार करना सही नहीं है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करे
अगर कोई उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचना चाहता है, तो आपके लिए कलौंजी का सेवन एक बेहतर उपाय है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की रिसर्च के अनुसार, तीन महीने तक प्रतिदिन एक ग्राम कलौंजी का उपयोग करने पर हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो सकती है। वहीं, प्रतिदिन दो से तीन ग्राम कलौंजी के सेवन से टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड सीरम के स्तर के साथ ही लो डेंसिटी लेपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आ सकती है इस प्रकार कलौंजी कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
वजन कम करने में फायदेमंद
एनसीबीआई अध्ययन के अनुसार, कलौंजी कई समस्याओं में हर्बल दवा के रूप में काम कर सकती है। इसमें एंटी-ओबेसिटी प्रभाव पाया जाता है, जो शरीर के वजन, बॉडी मास इंडेक्स और कमर के आकार को कुछ कम कर सकता है। साथ ही कलौंजी के सेवन से कोई गंभीर नुकसान भी नहीं होता है इस प्रकार कलौंजी के फायदे में बढ़ते वजन को कुछ कम करना भी शामिल है। लेकिन, इसके साथ स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम भी आवश्यक है।
कैंसर से सुरक्षा
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें एक कैंसर भी है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स की समस्या को कम करते हैं। इसके साथ ही, कलौंजी में एंटी कैंसर प्रभाव भी पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर को पनपने से रोकने में मदद करता है। साथ ही अल्टरनेटिव कीमोथेरपी का काम भी कर सकता है।
इससे कैंसर के लक्षण को कम करने में सहायता मिलती है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित रिसर्च पेपर में की गई हैं। इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है। और यह भी स्पष्ट कर दें कि अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो इस बीमारी को मेडिकल इलाज से ही ठीक किया जा सकता है।
ब्लड शुगर को रेगुलेट
कलौंजी के एंटीडायबिटिक प्रभाव के कारण यह मधुमेह की बीमारी से बचाने में फायदेमंद होता है। एनसीबीआई के अनुसार, कलौंजी का सेवन करने से फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज में कमी आ सकती है। इसके साथ ही यह सीरम लिपिड प्रोफाइल को संतुलित कर सकता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल को कम करने) में मदद कर सकता है। इस प्रकार कलौंजी के प्रयोग से ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद मिल सकती है। अगर कोई मधुमेह से पीड़ित है, तो उसे कलौंजी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से मिलना चाहिए।
रक्तचाप संतुलित
कलौंजी के लाभ में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना भी शामिल है। एनसीबीआई द्वारा किये गये शोध के अनुसार, कलौंजी में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं, जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का कार्य कर सकते हैं। इसकी जाँच के लिए 57 मरीजों को एक साल तक रोज 2 ग्राम कलौंजी के सप्लीमेंट्स दिए गए। और मरीजों के सिस्टोलिक, डायस्टोलिक व हृदय की गति में सुधार देखा गया।
सिस्टोलिक में हृदय की मांसपेशी सिकुड़ती है, जिससे रक्त हृदय से बाहर बड़ी रक्त वाहिकाओं (Vessels) तक पहुंचाता है। डायस्टोलिक में हृदय की मांसपेशियां आराम करती हैं। इसके साथ ही, कलौंजी में मौजूद थाइमोक्विनोन (केमिकल कंपाउंड) नामक सक्रिय घटक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के स्तर को कम कर सकता है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है.
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