Nipah virus outbreak in kozhikode kerala: केरल में फिर से निपाह वायरस का प्रकोप, जानें क्या है इसके लक्षण

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Nipah virus outbreak in kozhikode kerala: (केरल में फिर से निपाह वायरस का प्रकोप)

हाल ही में केरल में दो लोगों की मौत के बाद निपाह वायरस (Nipah virus) का प्रकोप होने की आशंका जताई गई है। इस खबर के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। निपाह वायरस एक गंभीर बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। इस बीमारी से संक्रमित होने पर मरीज को बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, दौरे पड़ने और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

Nipah virus outbreak in kozhikode kerala: केरल में फिर से निपाह वायरस का प्रकोप, जानें क्या है इसके लक्षण
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जानें निपाह वायरस (Nipah virus) क्या है?

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह हेनिपावायरस जीनस का एक RNA वायरस है। निपाह वायरस सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह में पाया गया था। इसके बाद यह बांग्लादेश, सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड, भारत और नेपाल में भी फैल चुका है।

आखिर ये वायरस कैसे फैलता है?

निपाह वायरस (Nipah virus) मुख्य रूप से चमगादड़ों से फैलता है। चमगादड़ इस वायरस के वाहक होते हैं और जब वे संक्रमित होते हैं, तो उनके मल, मूत्र और लार में वायरस होता है। इंसान इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं:

  • संक्रमित चमगादड़ के संपर्क में आने से, जैसे कि मृत चमगादड़ को संभालने से।
  • संक्रमित चमगादड़ के मल, मूत्र या लार से दूषित भोजन या पेय पदार्थों का सेवन करने से।
  • संक्रमित व्यक्ति के थूक या लार के संपर्क में आने से।
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और इस वायरस के लक्षण क्या-क्या हैं?

निपाह वायरस (Nipah virus) से संक्रमित होने के बाद लक्षण आमतौर पर 4-14 दिनों के बीच ही दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:-

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • थकान
  • उल्टी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दौरे पड़ना
  • लकवा
  • मृत्यु

देखें हम इस निपाह वायरस का इलाज कैसे कर सकते है?

निपाह वायरस का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, लक्षणों के इलाज के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। गंभीर मामलों में, मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है।

यह भी जानें निपाह वायरस से कैसे बचा जा सकता है?

इस वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं जैसे:-

  • चमगादड़ों के संपर्क में आने से बचें।
  • संक्रमित चमगादड़ के मल, मूत्र या लार से दूषित भोजन या पेय पदार्थों से बचें।
  • संक्रमित व्यक्ति के थूक या लार के संपर्क में आने से बचें।
  • अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
  • चमगादड़ों के आश्रयों के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।

केरल स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस (Nipah virus) के प्रकोप को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:-

  • कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।
  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान करने और उन्हें निगरानी में रखने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
  • चमगादड़ों के आश्रयों के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है।

और इसके साथ ही केरल स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से (Nipah virus) निपाह वायरस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके प्रसार को रोकने में मदद करने का आग्रह किया गया है।

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