यह घटना 13 नवंबर, 1989 को पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुई थी।
एक कोयला खदान में 220 मजदूर फंस गए थे।
खदान में पानी भरने लगा था, और मजदूरों को बचाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने की जरूरत थी।
माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल ने एक रेस्क्यू कैप्सूल का निर्माण किया, जिसका उपयोग उन्होंने 65 मजदूरों को बचाने के लिए किया।
गिल के इस साहसिक कार्य को "द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू" के रूप में जाना जाता है।
फिल्म का मूल नाम "मिशन रानीगंज: द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू" था, लेकिन हाल ही में इसे "मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू" में बदल दिया गया है।
इस बदलाव का कारण भारत सरकार द्वारा "भारत" को देश का आधिकारिक नाम बनाने के प्रयासों को बताया जा रहा है।
यह फिल्म भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना को याद करने का एक तरीका हो सकती है।