NOW SAMUDRAYAAN MISSION ‘MATSYA 6000’: ‘चंद्रयान 3’ और ‘आदित्य L1, मिशन के बाद अब पहली बार महासागर की इतनी गहराई में उतरेगा भारत
भारत का पहला मानवयुक्त गहरा महासागर मिशन "मत्स्य 6000" है।
यह सबमर्सिबल 6 किलोमीटर की गहराई तक उतरने में सक्षम होगी।
यह पनडुब्बी 80 मिमी मोटी टाइटेनियम मिश्र धातु से बनी है।
इसमें लगातार 12 से 16 घंटे तक काम करने की क्षमता होगी।
इसमें 96 घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति रहेगी।
यह पनडुब्बी निकल, कोबाल्ट, मैगनीज और गैस हाइड्रेट्स खोजने के साथ ही जलीय उष्मा में रसायन संश्लेषी जैव विविधता और समुद्र में कम तापमान वाली मीथेन के रिसाव का पता लगाएगी।
इस सबमर्सिबल के निर्माण और परीक्षण का काम राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा किया जा रहा है।
यह मिशन डीप ओशन मिशन PM नरेंद्र मोदी के ‘ब्लू इकोनॉमी’ के तहत आता है।
The सबमर्सिबल की लंबाई 10 मीटर और व्यास 2.1 मीटर है।
इसमें तीन लोगों के बैठने की क्षमता है। इसे 600 गुना अधिक दबाव झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।