महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से हावी होता नजर आ रहा है।
मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, जिसे लेकर महाराष्ट्र में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा आरक्षण एक बड़ा मुद्दा है और आने वाले लोकसभा चुनावों में भी यह हावी रहेगा।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग पिछले कई सालों से चल रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने 2018 में मराठा आरक्षण बिल पास किया था, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
महाराष्ट्र में मराठा आबादी लगभग 30% है।
महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए पहले से ही 52% आरक्षण है।
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां समर्थन में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों के लिए असमंजस की स्थिति बन गई है।