Golden Bhasma: आयुर्वेद के अनुसार, स्वर्ण भस्म में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। जानिए इसके फायदे और इस्तेमाल का सही तरीका...
आमतौर पर ज्यादातर लोग बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक नुस्खों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। इसमें पेड़-पौधों, फूल-पत्तियों और कई अन्य चीजों से दवा तैयार की जाती है
लेकिन, आज हम आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बता रहे हैं जो पेड़-पौधों, फूल-पत्तियों से नहीं बल्कि शुद्ध सोने (स्वर्ण भस्म) से तैयार की जाती है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं स्वर्ण भस्म की। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है और आयुर्वेद के अनुसार इसकी राख स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है।
स्वर्ण भस्म में पोषक तत्व (Nutrients in Swarna Bhasma) स्वर्ण भस्म में आयरन, सिलिका, कैल्शियम, सल्फर, कॉपर, पोटेशियम, सोडियम, फेरस ऑक्साइड
स्वर्ण भस्म के फायदे (Benefit of Swarna Bhasma) पुरानी बीमारियों के इलाज में सहायक, शरीर को ताकतवर बनाता है,
मानसिक विकास और स्वास्थ्य ठीक करे, यौन स्वास्थ्य में फायदेमंद, इम्यूनिटी बढ़ाये, कैंसर से बचाव, हृदय रखे स्वस्थ
स्वर्ण भस्म के अन्य स्वाथ्य लाभ (Health Benefits of Swarna Bhasma) फेफड़ों को बनाए मजबूत, पाचन तंत्र रखे दुरुस्त, स्किन से जुड़ी समस्याएं होती हैं दूर, आंखों के लिए भी है फायदेमंद
स्वर्ण भस्म लेने का सही तरीका (How to Use Swarna Bhasma) आयुर्वेद के मुताबिक, इसका सेवन छोट्टे बच्चे, बड़े बुजुर्ग कर सकते हैं। इससे कई गंभीर बीमारियों से राहत मिलती है।
बता दें कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमारियों से बचाव के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।
हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना फायदेमंद होता है। जानें इसका सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करना चाहिए...
छोट्टे बच्चें: 2 से 5 मिली ग्राम प्रतिदिन सुबह दूध के साथ बड़ें बुजुर्ग: 5 से 20 मिली ग्राम प्रतिदिन सुबह दूध के साथ