गीता में मानव जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं को बहुत ही सरल भाषा में समझाया गया है। कहा जाता है कि गीता सारे वैदिक ग्रंथों का प्रतीक है और जयंती मनाने वाला इकलौता ग्रंथ है।
श्री कृष्ण द्वारा दिए गए गीता के उपदेश आज के समय में भी लोगों को उनके जीवन में गहरे अवसाद से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी गीता को अपने जीवन में अपनाते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला भगवत गीता का जन्मोत्सव इस वर्ष 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा।
गीता जयंती उत्सव देशभर में गीता जयंती को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मार्ग शीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।
भगवत गीता के जन्मदिन पर पूजा का महत्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भागवत गीता के जन्मदिन पर गीता और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।